Search This Blog

post

GOVERNMENT OF INDIA USE FULL LINKS
Migrated COVID-19 Patient
1
Death cases
83
Cured/discharged cases
274
Active COVID 2019 cases
3219
Passengers screened at airport
15,24,266
नोट: *As on 05 April 2020, 18:00 GMT+5:30 & District wise details awaited.आधिकारिक वेबसाइट https://www.mohfw.gov.in/

Monday, 30 March 2020

What is corona virus? क्या है कोरोना वायरस?

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस एक जानलेवा वायरस है। यह इंसान को काफी आसानी से संक्रमित कर सकता है। यह एक तरह का RNA वायरस है, जो शरीर में प्रवेश करने के बाद लगातार फैलता है। इसके संक्रमण से सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ और न्यूमोनिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह मनुष्यों के साथ मवेशियों, सूअरों, मुर्गियों, कुत्तों, बिल्लियों और जंगली जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है।

कैसे फैलता है ये वायरस?

कोरोना का संक्रमण अधिकांश मामलों में खांसी, छींक, संक्रमित चीजों को छूने आदि से फैलता है। यह संक्रमण लार, चुंबन या फिर बर्तन शेयर करने से भी हो सकता है। यह संक्रमण फेफड़ों को संक्रमित करता है, इसलिए खांसते वक्त मुंह से निकले वाली बूंदें सामने मौजूद व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं।

क्या हैं इसके लक्षण?

इस वायरस से संक्रमित होने के कई दिनों बाद इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। कोरोना वायरस के मरीज़ों में आम तौर पर ज़ुकाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं। समय पर इलाज नहीं होने से निमोनिया भी हो सकता है।

N95 मास्क पहनना कितना ज़रूरी?

उस व्यक्ति को मास्क नहीं पहनना चाहिए, जो बीमार नहीं है या फिर जिसे सर्दी-खांसी नहीं है। अगर आपको सर्दी, ज़ुकाम या खांसी है, तो आप मास्क पहन सकते हैं, ताकि दूसरों को ये बीमारी न फैले। जहां तक N95 मास्क की बात है, तो यह उन लोगों के लिए है, जो रोगी के संपर्क में आते हैं या फिर अस्पताल में रोगी का ख्याल रख रहे होते हैं। ऐसे लोगों को N95 मास्क पहनने की ज़रूरत है।

लोगों से कितनी दूरी बरतनी चाहिए?

कोरोना वायरस के संक्रमण का दायरा 2 मीटर है, इसलिए अगर आप किसी से दो मीटर की दूरी बनाकर मिलते हैं, तो आपको डरने की ज़रूरत नहीं है।

क्या अल्कोहल से मरता है इंफेक्शन?

ऐसी ख़बरें बिल्कुल बेबुनियाद हैं, जिनमें बताया जाता है कि अल्कोहल लेने से कोरोना वायरस ख़त्म हो जाता है। इसका सिर्फ और सिर्फ सेनिटाइज़र के रूप में इस्तेमाल ही फायदेमंद है।

क्या नॉन वेज खाना सुरक्षित है?

कोरोना वायरस नॉन वेज खाने से नहीं फैलता है, बल्कि ऐसी अफवाह फैलाई जा रही है कि नॉन वेज से संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाता है। हां, इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि मांस अच्छी तरह पका हो। ज़्यादातर इंफेक्शन कच्चा मांस खाने से होता है।

तापमान से क्या हैं इसके संबंध?

यह वायरस सिंगापुर जैसे गर्म देशों में भी फैल रहा है, वहीं इटली और साउथ कोरिया जैसे ठंडे देशों में भी इसका कहर है। हां, सर्दी में यह वायरस ज़्यादा समय तक रह सकता है, लेकिन अगर हम अपनी तरफ से इंफेक्शन को रोकने के सभी तरीके अपनाते हैं, तो हम सुरक्षित रह सकते हैं।

क्या इसकी वैक्सीन या इलाज है?

कोरोना वायरस को लेकर अभी तक कोई वैक्सीन या दवा नहीं आई है, क्योंकि यह एक नए तरह का वायरस है। सोशल मीडिया की वजह से इस बीमारी को लेकर डर ज़्यादा है। कोरोना वायरस से मौत की दर 2 से 3% ही है।

कैसे बचें कोरोना वायरस से?

अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन या हैंड वाश से धोएं। अगर साबुन ना हो तो सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
छींक या खांसी आने पर अपनी नाक या मुंह को टिशू से ढकें और फिर उसे डस्टबिन में फेंक दें।
गंदे हाथों से अपनी नाक और मुंह को न छुएं और न ही गंदे हाथों से कुछ खाएं।
बीमार लोगों से दूरी बनाकर रखें। उनके बर्तन का इस्तेमाल ना करें और उन्हें छुएं भी नहीं। इससे मरीज़ और आप दोनों ही सुरक्षित रहेंगे।
घर को साफ रखें और बाहर से आने वाली चीज़ों को भी साफ करके ही घर में लाएं।
*सार्वजनिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
*शेयर:  HindiNewPaper *

Sunday, 29 March 2020

असम में बिना सरकारी मदद के बनाया शहीद का मेमोरियल

पुलवामा हमले का एक साल, असम में बिना सरकारी मदद के बनाया शहीद का मेमोरियल

 पुलवामा हमले के बाद राष्ट्रवाद की राजनीति में ये सवाल दब गया कि क्या सरकार ने शहीदों के परिवारों से किए गए वादों को पूरा किया. इसकी हकीकत जानने के लिये NDTV ने CRPF के शहीद जवान मानेश्वर बासुमतारी के गांव का दौरा किया जो असम के तामुलपुर में है. गुवाहाटी से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर इस गांव में मानेश्वर बासुमतारी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जा रही है, ठीक उसी जगह पर जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था. मानेश्वर बासुमतारी पुलवामा में शहीद 40 जवानों में से एक थे. CRPF के अफसरों और जवानों ने उनको अपनी श्रद्धांजलि दी. मानेश्वर के परिवार, दोस्तों और गांव वालों ने उनकी याद बनाए रखने के लिए फाइबर ग्लास की ये प्रतिमा लगवाई है जिस पर 10 लाख की लागत आई है. पुलवामा हमले को लेकर अति राष्ट्रवाद की राजनीति के बीच उनका ये प्रयास काबिल-ए-तारीफ़ है. इन लोगों ने मेमोरियल बनवाने के लिये सरकार का इंतज़ार नहीं किया. मानेश्वर के परिवार को एक मुश्त 20 लाख की मदद का वादा किया गया था. साथ ही उनकी बेटी को सरकारी नौकरी और बेटे की पढ़ाई का खर्च देने की भी बात थी. और ये सारे वादे पूरे हो चुके हैं.

Rahul appealed to Modi by writing a letter

राहुल ने मोदी को पत्र लिखकर अपील की / शहर छोड़कर गांव जा रहे लोगों को रोकिए, ये लोग वहां जाकर बुजुर्गों और बच्चों को बीमार कर देंगे

https://mobile.twitter.com/RahulGandhi
नई दिल्ली: कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया है। रविवार को लाॅकडाउन का 5वां दिन है। दिल्ली समेत दूसरे शहरों से बड़ी संख्या में लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर अपने घर वापस जा रहे हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

उन्होंने लिखा, डियर प्रधानमंत्री, मानवीय संकट की घड़ी में, मैं और लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता आपके साथ खड़े हैं। कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम के साथ हम सहयोग कर रहे हैं।

दुनिया कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए तेजी से सख्त कदम उठा रही है। जबकि हमारे यहां तीन हफ्तों का लॉकडाउन किया गया है। मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि पूरे देश में ठीक से लॉकडाउन कीजिए और लोगों को, समाज और देश की अर्थव्यवस्था को बचाने पर विचार कीजिए। हमारे लिए यह समझ पाना मुश्किल है कि भारत की स्थिति अलग है। इसलिए हमें अलग कदम उठाने और रणनीति बनाने की जरूरत हैं। देश में करोड़ों की संख्या में गरीब लोग हैं। ये सब अपनी दिहाड़ी मजदूरी के भरोसे रहते हैं। ऐसे में सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां बंद करना उचित नहीं।
सरकार के लिए लोगों तक वास्तविक पहुंच सुनिश्चित करने पर विचार करना बहुत जरूरी है। हमारी पहली प्राथमिकता ही बच्चों और बुजुर्गों को वायरस के संक्रमण से बचाना है। आज लाखों की संख्या में बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। ऐसे में लॉकडाउन का मतलब सबकुछ बंद कर देना। इससे देश हमारा इकोनॉमिक इंजन बंद हो जाएगा। लोग बेरोजगार होकर अपने गांवों में घर की ओर भागेंगे। इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ेगा। लोग वहां जाकर अपने माता-पिता, बुजुर्गाें और बच्चों में वायरस फैलाएंगे। यह जिंदगी के लिए घातक हो सकता है।
हमें तुरंत सामाजिक सुरक्षा तंत्र विकसित कर गरीबों के शेल्टर बनाने के लिए जन संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। सरकार द्वारा उठाए गए आर्थिक राहत के कदम बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इन्हें शीघ्र अमल में भी लाना होगा। बड़ी संख्या में लोगों के लिए हजारों बेड वाले अस्पताल, वेंटिलेटर्स तैयार करने होंगे। यह कठिन हैं, लेकिन जितनी जल्दी हो सके, हमें जरूरत की सभी चीजें जुटानी होंगी।
सरकार द्वारा तुरंत लॉकडाउन का कदम परेशानी और उलझाने वाला था। इससे हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर प्रभावित हुए। फैक्ट्रियां, कंस्ट्रक्शन साइट और लघु उद्योग बंद हो गए। इसमें काम करने वाले अपने घरों को किराया नहीं दे पाए और वह घरों को खाली करने पर मजबूर हुए हैं। सरकार ऐसे लोगों को तुरंत आर्थिक सहायता दे, ताकि वे घरों को किराया दे सकें। सरकार को बेरोजगारों के खातों में सीधे रुपए ट्रांसफर कर मदद करनी चाहिए।
मौजूदा परिस्थितियों में आर्थिक रणनीति बनाना और वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार बनाना कठिन है। इसमें कुछ हफ्ते और लगेंगे। हमारी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था और विशाल नेटवर्क छोटे और मझोले व्यापार व किसानों के योगदान से खड़ी है। हमें इनके साथ पूरे विश्वास के साथ खड़ा होकर समय रहते सब ठीक करना है।

जान जोखिम में डालकर यूपी-बिहार के लोग ,बस के छतों पर बैठकर सफर किया

कैसे रुकेगा संक्रमण / प्रवासी मजदूर जान जोखिम में डालकर यूपी-बिहार के लिए निकले, सैकड़ों ने बसों की छतों पर बैठकर सफर किया

नई दिल्ली: लॉकडाउन के चलते दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को अब बसों से उनके घर तक भेजने का काम शुरू हो गया है। गाजियाबाद स्थित यूपी गेट पर फंसे हजारों लोगों को शनिवार की सुबह जिला प्रशासन ने बसों में भरकर कौशांबी डिपो भेजा। यहां से इन लोगों को दूसरी बसों में बैठाकर यूपी के अलग-अलग शहरों में भेजा जा रहा है। जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो हैरान कर देने वाली हैं। सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर यहां बसों में जगह नहीं मिल पाई, तो लोग छतों पर बैठकर भी घर जाने के लिए लोग तैयार हो गए। इसमें जान का जोखिम तो है ही, संक्रमण फैलने का भी खतरा है।  सवाल यह है कि आखिर इन हालात में कोरोना संक्रमण को फैलने से कैसे रोका जा सकेगा?

गाजियाबाद से चलेंगी 1000 बसें : यूपी सरकार

यूपी गेट पर भीड़ की सूचना मिलने के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई अधिकारी पहुंचे। गाजियाबाद के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, एसएसपी और पुलिस अधीक्षक नगर ने भी मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टैंड से एक हजार बसों को चलाने का फैसला लिया गया है। यहां से उत्तर प्रदेश के अधिकांश सभी शहरों के लिए बस चलाई जाएंगी। बस सेवा लगातार तब तक जारी रहेगी, जब तक यात्री आते रहेंगे। इसके लिए पूरे प्रदेश से बसें मंगाई गई हैं। गाजियाबाद के ही लाल कुआं से कल 100 बसें भेजने के बाद रात एक बजे से सुबह 10 बजे तक 45 और बसें अलग-अलग शहरों के लिए रवाना की गईं। 

सुबह 8 बजे से हर दो घंटे में 200 बसें होंगी रवाना

यूपीएसआरटीसी के एमडी राज शेखर ने आज एक सर्कुलर जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम दिल्ली के बॉर्डर के जिले में अटके हुए लोगों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए बसों की तैनाती कर रहा है। इन बसों ने नोएडा और गाजियाबाद पहुंचना भी शुरू कर दिया है। सुबह 8 बजे से हर 2 घंटे में लगभग 200 बसें अलग-अलग जिलों के लिए प्रस्थान करेंगी।

डीएम और एसएसपी से बसें न रोकने का अनुरोध

यूपीएसआरटीसी ने यूपी के सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी, एसपी से अनुरोध किया है कि वे अपने सभी बॉर्डर चेक प्वॉइंट पर इन बसों को न रोकने की सूचना दें। सभी से अनुरोध है कि इन बसों को अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंचने के लिए अनुमति दें और सुविधा प्रदान करें। दिल्ली की सीमा से लेकर यूपी के विभिन्न जिलों में लोगों को ले जाने का विशेष कार्य आज 28 अप्रैल और 29 मार्च तक जारी रहेगा।

सभी यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग होगी

राज शेखर ने कहा कि हम सभी जिलाधिकारियों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे उनके जिलों तक पहुंचने वाली बसों की डिटेल्स पर ध्यान दें। बसों से पहुंचने वाले सभी यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की व्यवस्था टर्निंग प्वाइंट्स पर की जाए। आगे की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए सभी के नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि का रिकॉर्ड रखें। कृपया सभी संबंधित जिला अधिकारियों को इस विषय में सूचित करें और समय के अनुसार आवश्यक व्यवस्था करें। 

Mann Ki Baat में PM नरेंद्र मोदी बोले- आपको बचाने के लिए लॉकडाउन लगाया

मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से पूछा माफी, बोले- आपको बचाने के लिए लॉकडाउन लगाया

PM modi twitter dp :
मन की बात आज: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' (मन की बात) के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस (कोरोनावायरस) और देश में लगे लॉकडाउन (भारत लॉकडाउन) पर अपने विचार देश की जनता के साथ साझा किए।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीएम नरेंद्र मोदी) ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' (मन की बात) के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस (कोरोनावायरस) और देश में लगे लॉकडाउन (भारत लॉकडाउन) पर अपने विचार देश की जनता के साथ साझा किए। साथ ही पीएम ने लॉकडाउन के दौरान जनता को होने वाली परेशानियों पर भी अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कोरोनावायरस को हराने वाले कुछ लोगों और डॉक्टरों से भी बात की।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा, 'सबसे पहले मैं देशवासियों से माफी मांगता हूं। मुझे विश्वास है कि आप मुझे जरूर माफ करेंगे। कुछ ऐसे निर्णय लेने वाले हैं, जिनकी वजह से आपको परेशानी हुई है। गरीब भाई-बहनों से क्षमा माँगें। आपकी परेशानी समझती है लेकिन 130 करोड़ देशवासियों को बचाने के लिए इसके सिवा और कोई रास्ता नहीं था, इसलिए ये कठोर कदम उठाना आवश्यक था। दुनिया की हालत देखने के बाद लगा कि यह एक ही रास्ता है। कोरोनावायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये हर किसी को चुनौती दे रहा है। ये वायरस इंसान को मारने की जिद उठाए हुए है। सभी लोगों को, मानव जाति को एकजुट होकर इस वायरस को खत्म करने का संकल्प लेना ही होगा। ये लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है। आपको खुद को और अपने परिवार को बचाना है। आपको लक्ष्मण रेखा का पालन करना ही है। कोई कानून, कोई नियम नहीं तोड़ना चाहता है, लेकिन कुछ लोग अभी भी ऐसा कर रहे हैं, उन परिस्थितियों की गंभीरता को समझ नहीं रहे हैं।