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Monday, 11 May 2020

कोशिकीय संरचना | Structure of the Cell

कोशिकीय संरचना  (Structure of the Cell)


  • कोशिका शरीर की कार्यात्मक एवं रचनात्मक इकाई है। 
  • कोशिका की खोज सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक नामक वैज्ञानिक ने की थी। 
  • डी. एन. ए. एक आनुवंशिक पदार्थ है, जो आनुवंशिक पदार्थ है, जो आनुवंशिक लक्षणों को एक पीठी से दूसरी पीढ़ी में ले जाने का कार्य करता है। 
  • माइट्रोकॉण्ट्रिया को कोशिका का ऊर्जाघर कहते है, क्योंकि इसमें A.T.P के रूप में ऊर्जा का संचय रहता है। 
  • कोशिका सिद्धान्त को सर्वप्रथम मैथियस श्लाइडन तथा थियोडर श्वान नामक वैज्ञानिकों ने प्रस्तुत किया था।
  • केन्द्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी।
  •  जीवद्रव्य को जीवन का भौतिक आधार प्रोफेसर हक्सले ने कहा था।
  • गॉल्जीकाय की खोज केमिलियो गाॅल्जी ने की थी। 
  • माइटोकॉन्ड्रिया की खोज बेण्डा ने की थी। 
  • डी. एन. ए. का पूरा नाम "डी ऑक्सी राइबोस न्यूक्लिक अम्ल (Deoxey Ribose Nucleic Acid) है। 
  • आर. एन. ए. का पूरा नाम 'राइबोस न्यूक्लिक अम्ल' (Ribose Nucleic Acid) है।
  • पौधों की जहों से पानी पत्तियों तक दारू (xylem) ऊतकों द्वारा पहुँता है।
  •  रन्ध्रों का खलना तथा बन्द होना और चीजों का अंकुरण स्फीलि दाब क्रिया के कारण होता है। 
  • पके टमाटर का लाल रंग वर्णी लवण के कारण होता है। 
  • 70s राइबोसोम की इकाइयाॅ 50s तथा 30s है। 
  • मनुष्य के गुणसूत्रों की संख्या 23 जोड़ी तथा मटर में गुणसूत्रों की संख्या 7 जोड़ी होती है। 
  • एमाइलोप्लास्ट मंडल का संग्रहण करते हैं।
  • गुणसूत्र कोशिका केंद्रक में पाये जाते है।

प्रकाश-संश्लेषण, श्वसन तथा कोशिकीय ऊर्जा

प्रकाश-संश्लेषण, श्वसन तथा कोशिकीय ऊर्जा (Photosynthesis, Respiration and Cellular Energy) 

  • हरे पौधे प्रकाश-संश्लेषण का क्रिया में O2 गैस निकालते हैं।
  • सुर्य के प्रकार  तथा पर्णहरिम की उपस्थिति में वायु की कार्बन डाइ-आक्साइड तथा मृदा जल संयोग करके खाद्य (शर्करा) का निर्माण करते है। यह क्रिया प्रकाश-संश्लेषण कहलाती है। 
  • पत्थर के कोयले में मिलने वाली ऊर्जा का सोत सूर्य है। 
  •  AT.P. में फॉस्फेट के तीन अणु होते हैं। 
  • क्रेण्स चक्र और इलेक्ट्रॉन परिवहन की क्रियाएँ माइटोकॉप्डिया में सम्पन्न होती है।
  • ग्लाइकोलाइसिस की क्रिया कोशा द्रव्य में होती है। 
  •  ग्लाइकोलाइसिस के अन्त में पाइरुविक अम्ल बनता है।
  • वायवीय श्वसन की क्रिया O2 की उपस्थिति में होती है।
  • 6CO2+6H2O→C6H12O6+6O2 + ऊर्जा
  • अवायवीय श्वसन की क्रिया बिना O2 के होती है यह क्रिया जीवाणुओं तथा फीता कृमि आदि में होती है।
  • वह क्रिया, जिसमें विशेष एम्जाइम की उपस्थिति में शर्करा ऑक्सीजन के अभाव मैं अल्कोहल तथा कार्बन डाइऑक्साइड में बदलती है किण्वन कहलाती है।


जीव विज्ञान का अध्ययन | Study of Biology

 जीव विज्ञान का अध्ययन (Study of Biology)


  • विज्ञान की वह शाखा, जिसके अन्तर्गत जन्तुओं व वनस्पतियों का अध्ययन किया जाता है, जीव विज्ञान कहलाती है।
  • इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा यंत्र है जिसमें इलेक्ट्रॉन का उपयोग करके 3,00,000 से 4,00,000 गुना प्रतिबिंब देख सकते है। 
  • सर्वप्रथम 'जीव विज्ञान शब्द का प्रयोग करने वाले लेमार्क एवं ट्रेविरेनस थे | (सन 1802 में) 
  • डॉ. हरगोविन्द खुराना को डी. एन. ए. के कृत्रिम संश्लेषण के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था। 
  • जीव विज्ञान के जनक अरस्तू थे। 
  • प्रकाश सूक्ष्मदर्शी या संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की खोज सर्वप्रथम जॉनसन तथा जॉनसन द्वारा की गई।
  • इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज सर्वप्रथम नील और रस्क द्वारा की गई।
  • डा. के. सी. मेहता पादप रोग विज्ञान के विशेषज्ञ थे।
  • बीरबल साहनी को भारतीय जीवाश्म विज्ञान का जनक कहा जाता है।
  • सर जगदीश चन्द्र बोस ने सर्वप्रथम पादप शरीर क्रियाओं पर कार्य किया।

सजीवो के लक्षण (Characteristics of Life)


  • सजीवों में जीवन होता है और उनकी जन्म व मृत्यु निश्चित है लेकिन निर्जीवों में जीवन नहीं होता है।
  • जीवोत्पत्ति का समर्थन फ्रान्सिस्को रेड्डी नामक वैज्ञानिक ने किया था।
  •  किसी जीव द्वारा वातावरण में होने वाले परिवर्तनों का अनुभव करना उत्तेजनशीलता कहलाता है। 
  • गति करने वाले पौधे क्लेमाइडोमोनास तथा वाॅलवोक्स है।
  • सजीवों में आन्तरिक वृद्धि होती है जबकि निर्जीवा में बाह्य वृद्धि होती है।
  • संजीव का निर्माण जीवद्रव्य से होता है। जीवद्रव्य प्रोटीन, वसा, मण्ड, एन्जाइम, न्यूक्लिक अम्ल, जल आदि का बना होता है। 
  • अपचय एक ऐसी विघटनकारी क्रिया है, जिसमें भोजन का विघटन श्वसन द्वारा होता है।
  • स्वतः जनमवाद का खण्डन  फ्रांसिस्को रड्डी ने किया।
  • ए. टी. पी. का ए. डी. पी. मे परिर्वतम उपचय क्रियोओं में होता है।
  • पादपों में भोजन संश्लेषण की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। इसमें उत्पाद के रूप में ऑक्सीजन प्राप्त होती है।